
Ajeet
मेरा नाम अजीत हे, मेने B.A स्नातक की डिग्री चौधरी चरण सिंह यूनिवरसिटी मेरठ से प्राप्त की है, में गाँव नया गाँव पोस्ट सिकंदराबाद जिला बुलंदशहर का निवासी हूँ | में अपने विचारों को साहित्य लाइव परिवार के माध्यम से लोगो तक पहुँचा रहा हूँ , जिससे की में साहित्य लाइव परिवार का आभारी हूँ | धन्यवाद साहित्य लाइव परिवार/
Address Village Naya Gaon Post Sikandrabad Distt Bulandshahr Pin code 203205
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लोग इस कदर मिलते हे
लोग इस कदर मिलते हे
स्वर गीत
यह स्वर गीत आज मेने
गर्मीयों का मोसम है
गर्मीयों का मोसम ह
सिर्फ ऐसे हो तुम
चाँद की चाँदनी जेस
में अपने गीत बेचने आऊँगा
ए दोस्त रूठ मत जाना
कोशिश करता रहूँगा
कोशिश करता रहूँगा
लोगो का अजीब रिश्ता है
लोगो का अजीब रिश्त
मुसाफिर तुम वादे हजार मत करना
प्रण जो ले लिया इस
फिर भी अन्धेरे में था
फिर भी अन्धेरे में
चन्दा की ढिभरी
रह गई बंद अंधेरो मे
गर्मियों के मोसम
गर्मियों के मोसम क
कास मेरा जन्म एक पंछी जेसा होता
कास मेरा जन्म एक प
और तुम कितने अच्छे लगते हो
ये रातें तुम्हारा
एक रोटी
दो आते बच्चे सुबह
नीड़
नीड़ बनाऊँ में केसे
खाकी में
अपनी भावनाओं से कभ
उड़ान भरके तो देख मुसाफिर
उड़ान भरके तो देख
क्या तुमने कुछ कहा
पहाड़ों से बहते नंग
तू मिला होता तो
तू मिला होता तो रि
जो जी रहें हे नशे की दुनिया मे
जो जी रहें हे नशे क
मुसीबतो से बढ़ना हे आगे
मुसीबतो से बढ़ना हे
ठेर जा मुसाफिर
ठेर जा मुसाफिर गर्
निर्माण नीड़ों का
कर निर्माण नीड़ो का
इस कदर न बहा आशुओं को
इस कदर न बहा आशुओं क
कास मुझे तुम सुन पाते
कास मुझे तुम सुन पा
उन अँधेरों का उड़ना
उन अँधेरों का उड़ना
अलफाज भी तुम्हारे
जब तुम औरों से बोले
यूपीएससी किल्यर करना
यूपीएससी किल्यर कर
मन चाहता है
मन चाहता है | चाँद
रूठ जाना हमारी फितरत मे नहीं
रूठ जाना हमारी फित
काले मेघा पानी बरसाये
काले मेघा पानी बरस
सूना आँगन
अगर तुम आते तो ना लग
नशा
रिश्ते टूट जाते हे
में पानी हूँ
में उड़ रहा हूँ घटा
पूस की बरसात
चली आई मेरे आँगन मे
मत छूओ छाया को
मत छूओ छाया को अब ब
तेरे भीगे पल्कों पर
तेरे भीगे पल्कों प
तेरे आँगन का गुलमोहर
तेरे आँगन का गुलमो
धान
धान उगेंगे मेघ गरज
लाल दुपट्टे वाली
वो थोड़ा मुस्कुरा क
काली आँखों ने
हजारो की महफिल
प्रिय शाली जी
प्रिय शाली जी द
कोन हे वो चिड़िया
कोन हे वो चिड़िया ज
बेटियाँ किस रूप मैं मिलती है
बेटियाँ किस रूप मै
प्रिय तुम प्यार मेरे
पतझड़ की छाँओ मे बे
प्यारे भैया भाभी
प्यारे भैया भाभी आ
बादल जी
क्यों छुपाते हो मु
तेरी पायल की आवाज
तेरी पायल की आवाज
तुमसे ना मिलकर
तुमसे ना मिलकर ये
नीले पंखों वाली
सुबह आई शाम आई फूल
जाग रात के जुगनू चोर
जाग रात के जुगनू चो
अति सुन्दर तुम
अति सुन्दर तुम फिर
हार मानने से मुसाफिर जीत नहीं मिलती
हार मानने से मुसाफ
पतझड़ में गोरा बादल
उड़ चले खग आसमानों म
देना माँ सरस्वती वरदान हमें/
देना माँ सरस्वती व
नशा करने के बाद
जिन्दगी खराब हो जा
तुम सदैव मुस्कुराते रहना
हो अगर मुश्किलों क
परदेसिया
दूर जाने वाले परदे
पतझड़ की शाम
मन डूबा मेरा पतझड़ क
दोस्त तुम बहुत अच्छे लगते हो
दोस्त तुम बहुत अच्
मुरझाते फूल
ये मुरझाते फूल कास
वहाँ मेरा श्याम नजर आता हे
जहाँ ना कोई उम्मीद
असली दोस्त वो
असली दोस्त वो नहीं
अपनी समस्याओ का समाधान
जब तक अपनी समस्याओ
तुलसी
रिश्तों के धागे मे
अदा रूठ जाने की
मेरी सारी कोशिशें
तुम होते तो कितना अच्छा होता
तुम होते तो कितना अ
जिसे अपना समझ के
एक तूम ही तो वो जिस
मीरा का तान हो जाऊँ में
मीरा का तान हो जाऊँ
पर्दा
प्रिय दोस्त पर्दा
बिना सहारे के
चलता है बिना सहारे
इस कदर ना तुम रूठा करो
इस कदर ना तुम रूठा क
रिश्ते यू न तोड़ा करो
रिश्ते यू न तोड़ा कर
प्रिय शाली जी आना नया गाँव जरूर
प्रिय शाली जी आना