नवीनतम रचनाएँ
कोशिश
Raj Ashok singh
कोशिश ,कर - ए दिल,,,
कोशिशों से हारना नहीं ।
ओहो हु ,,,,
किसी का प्यार मिले, तो किस्मत
वरना । यहां जाना क्या है।
वक्त रहते
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गजब
Raj Ashok singh
क्या ? जिस्म जुदाँ होगे ।
क्या ? रंग जुदाँ होगे ।
मुहोबत , मे तो
हम ,संग- संग ....
एक दुजें के संग जुदाँ होगे ।
हु हु ओहों,,,,,
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जव्लत्
Raj Ashok singh
मुहोबत चाहिए,अ जिन्दगी मुझे ,
जीना है। वादो को तोड़ कर
तन्हाई मे कमबक्त बह रही है।
साँसे साँसो को छोड़ कर
वाह, क्या
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मिडिया
Pinky Kumar
आज में कुछ चुनिंदा मिडिया कर्मियों पर बात करूगी मिडिया काम है निष्पक्ष होकर अपना कार्य करना बिना किसी डर और बिना क
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तेरी साँसो से
Swami Ganganiya
तेरी सासों से गुजरू हवा बनके
तेरे जहन से उतरू में नशा बनके
तुझे जब भी किसी चीज की जरूरत हो
मैं आऊ हमेशा तेरी जरूरत ब
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बेवफा
Raj Ashok singh
वेवफा थे,होठ मगर
बातों मे सच को छुपा के,
यो , मुहोबत की ,फिर से
कहानीयाँ सुनाने लगे ।
दर्द की ,फिर वही एक शाम
हु़़़़़
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