Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक ###मंजिल की चाह में सफलता के बाद## 16724 0 Hindi :: हिंदी
"जश्न ए सफलता" अभी कहा मंजिल है अभी मीलो चलना बाकी है मंजिल का रास्ता आसान नहीं अभी खुद में कुछ परिवर्तन बाकी है... लोग मिले हमे भटकाने वाले कहा तुम पागल हुए हो घिस घिस कर चले आए कितने अब तुम्हारा देखना बाकी है अभी कहा मंजिल है अभी मीलों चलना बाकी है... निकले तो हौसला आसमा पर था आंखो में चमक थी मंजिल की दिन बीते हौसला कम हुआ रास्ता दिख नही रही मंजिल की सुबह से साम कब हो जाए नींद भूख सब गवॉ बैठे क्या अभी भी कुछ बाकी है अभी कहा मंजिल है अभी मीलों चलना बाकी है..... अंजनी पांडेय (साहब)