संदीप कुमार सिंह 05 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4663 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) जीवन के सब मर्म को,गीता पढ़कर जान। रहे खुशी परिवार में,सदा मिलेंगें मान।। रामायण से सीख लें,करें नहीं अभिमान। रहकर सरल विनीत से,बरकरार रख शान।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....