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दोस्त

Abhinav chaturvedi 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Abhinav chaturvedi 87257 0 Hindi :: हिंदी

दोस्त हूँ तेरा, कैसा ये तू आस रखा है?
यार मुझे तू ख़्वाबों में तलाश रहा है।
मैं हर ज़रूरत में तेरे साथ हूँ,
झूठ नही, मैं तेरा यार हूँ।
सब कुछ जानते हुए भी तू,बातें हंसकर टाल रहा है।
कैसे बताऊँ तुझको मैं, कितना मेरे लिए तू ख़ास रहा है।
ये सब सोंचकर, दोस्ती में मुझे बना जिंदा लाश रहा है।
ये क्या यार-
मुझे तू ख़्वाबों में तलाश रहा है।।

दोस्ती के कर्ज एक तरफ है,
दोस्ती के फर्ज एक तरफ है।
कितने एहसासों से जुड़े दोस्ती यारी के चक्कर मे हम,
ये बात तो तू बचपन से न जान रहा है।
फिर भी यार,
मुझे तू ख़्वाबों में तलाश रहा है।

मानते हैं हम,
जानते हैं हम,
हमारे किस्मत के पलट अलग है,
दोस्ती में खटपट अलग हैं,
इतनी मस्ती, इतने दोस्त,
फिर एक तेरा होना खास होता है।
कलः का कलः देख लेंगे, आज हमारा आज होता है
वक्त आने पर तू मेरे काम आया है।
मैं तेरे काम आया हूँ।
ये सब बातें सच हैं, ये सब को तू मान रहा है,
लेकिन फिर भी 
मुझे तू ख़्वाबों में तलाश रहा है।

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