संदीप कुमार सिंह 07 Jul 2023 कविताएँ अन्य मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5328 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) किसी ने किसी के सपनों का इन्तकाल कर दिया है, बेरहम मासूम जज़्बातों को कुचल कर रख दिया है, क्या मजाल की जनाब एक भी अल्फाज़ से आगे आते_ कायनात के रहनुमा पर शैतानों की बड़ा कुरूर प्रहार है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....