Meenubaliyan 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक नारी का जीवन कैसा हो 37381 0 Hindi :: हिंदी
लिया जन्म ज़ब सतयुग मे तो सीता का रूप बन गई हुई दीवानी भोले की ज़ब गोरा माता स्वरुप बन गई, एक नारी थी मीरा एक थी राधा दोनों ही प्यार का गीत बन गई, गायी जाती है जिनकी गाथा वो लक्ष्मीबाई वीर बन गई, रची गई रामायण जिसपर जिसने महाभारत का किया आगाज उस नारी की लाज आज तो कलयुग की जागीर बन गई, है कितनी कथाएँ आज भी जिस पर कलयुग की तस्वीर बदल गई, नारी है अस्टस्वरूपा कहते रहे और देखने वाले की तासीर ही बदल गई....
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