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रोज थोड़ा थोड़ा इश्क़ में

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत रोज थोड़ा थोड़ा इश्क़ में 7122 0 Hindi :: हिंदी

बे खबर मगरूर सितमगर
जालिम निर्दई सनम 
रोज थोड़ा थोड़ा इश्क़ में 
कतरा कतरा नहाया कर !
 
अपने बेजान जिस्म को 
चुपके से भिगोया कर  
फिर इश्क़ के समंदर में 
अंजुरी अंजुरी नहाया कर !!

तू भी मशहूर हो जाएगी 
ग़मों से दूर हो जाएगी 
इश्क़ बालों के सहर में !

वरसों से सूखा बंजर दिल के दहलीज 
हुस्न खिल जायेगें दो बूंद इश्क़ से 
न तन्हा तू होगी न ही तेरी लब्ज 
वक्त हस के गुजर जाएगी 
इश्क़ पा के इश्क़ में  
थोड़ा डुवकी लगा कर  !!

अरमान जगा लो खाव सजा लो 
खुद से खुद का पहरा हटा लो 
समय बदल रहा तेज रफ़्तार में 
जो छुपा बैठा हैं तुझ में कही 
बस थोड़ा सा सिने में  
इश्क़ के आग जला लो  ! 

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