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मैं स्वयं का बैरी....

मोती लाल साहु 30 Mar 2023 शायरी समाजिक मैं स्वयं का बैरी , खुद में खुदा को नहीं जाना। 6101 0 Hindi :: हिंदी

यह जग-जाना -
सब है एक सपना सा ,
हर झूठा नाता निभाया
जाना नहीं निज-नाता अपना

मैं स्वयं का बैरी -
खुद में खुदा को नहीं जाना !
-मोती

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