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आलोचना -आलोचना समाज का सबसे प्रिय मुद्दा है

Preeti singh 11 May 2023 आलेख समाजिक सुआलोचक और कुआलोचक में बारीकी से अध्ययन करने की बहुत आवश्यकता है 6504 0 Hindi :: हिंदी

आलोचना समाज का सबसे प्रिय मुद्दा है किसी के पास कुछ बात हो ना हो किसी दूसरे की आलोचना अवश्य पाई जा सकती है
 लेकिन जरूरत इस बात की है आलोचना के प्रकार को गहराई से समझना 
है
 ऐसे में किसी भी शब्द के अर्थ को बहुत ही बारीकी से समझने की जरूरत है आलोचना के कई रूप हो सकते हैं 

कोई किसी की भलाई के लिए भी करता है करता है कोई घमंडवश करता है 

यदि आप किसी की आलोचना को सही से नहीं समझते तो आपके मन पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है जैसे माता-पिता अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए भी आलोचित करतेहैं दंडित भी करते हैं  करते हैं समझाते हैं तो बच्चों को सही नहीं लगता है लेकिन उस आलोचना में सिर्फ आपकी भलाई छुपी होती है
लेकिन आपकी आलोचना सिर्फ आपके सामने करते हैं किसी दूसरे के सामने तो सिर्फ आप के गुण गाते हैं ताकि समाज में आपकी प्रतिष्ठा बनी रहे
 कुछ लोग सिर्फ  आप ही अपने गुण गाते हैं और दूसरों की आलोचना करते हैं 
कुछ लोग  आलोचना करते हैं ताकि वह आपके जैसे बन नहीं पाते तो आपकी आलोचना करते है
 कुछ लोग तो इस तरह के आलोचक होते हैं जो बदलते रहते हैं जैसे जो कार्य वो कर चुके हैं या कर रहे हैं,अगर आप वैसा कार्य नहीं करते तो और आपको मालूम हैं आलो चित करते हैं और आपको मजबूर करते हैं कि आप भी उनके जैसा ही कार्य करें लेकिन बाद में उसी कार्य के विफल हो जाने पर भी वह उसकी तारीफ करते हैं ताकि उनकी आलोचना गलत ना साबित होने पाए 
 लेकिन आपको जरूरत है सिर्फ अपनी गलती परखकर सुआलोचक को गलत ना समझे और उन्हें उनके भाव को लेकर उसकी समीक्षा करनी है अगर आपको आलोचित करने पर उनका कोई लाभ नहीं है तो निश्चित रूप से आपके लाभ के बारे में सोच कर ही आप पर अंकुश लगाते हैं


 लेकिन वही कुछ लोग अपनी आदत को अपनी कमजोरी बना लेते हैं और सुआलोचकों से चिढ़ने लगते हैं उन्हें लगता है वह जो कर रहे हैं वह सही है यह व्यक्ति मुझसे ईष्र्यावश ऐसा कर रहा है 
लेकिन इस हालात में सामने वाले व्यक्ति को स्वतंत्र छोड़ देना चाहिए क्योंकि प्रकृति उसे उसको वही ले जाएगी जहां उसका भाग्य लिखा हुआ है ऐसे में व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए
  अतः आपको अपनी बुद्धि का  सूक्ष्म स्तर तक प्रयोग करके आपको व्यक्ति के भावों के बारे में सोचना है और सुआलोचकों और कुआलोचकों में बहुत ही बारीकी से अध्ययन करना है तभी आगे फैसला लेना है ऐसे ही करने पर आपको सही उत्तर मिल सकता है वरना आप विस्मय की स्थिति में पड़े रहेंगे ।
                         धन्यवाद

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