Bihar rajya ke gram devi devta बिहार के ग्राम देवी देवता
बिहार राज्य के लोक देवताओं का नाम
ब्रह्म बाबा इनकी पूजा पीपल वृक्ष में
होती हैं गोला कार मिट्टी की पीढ़ी या
पिंडी होती हैं उसी में बरहम बाबा की
पूजा होती हैं इनका जनम ब्राह्मण कुल
में हुआ था ये पंडित है इसलिए ये
ग्रामदेवता के रूप मे पूजे जाते हैं कई
लोग इन्हें अपना कुलदेवता भी मानते हैं
अब बात करते है सातों बहिनी की ये
दुर्गा माता के रूप है सात मिट्टी की
पीढ़ी या पिंडी के रूप मे इनकी पूजा
होती हैं इनका नाम पुराणों के अनुसार ये
सप्त मात्रिका कहते है इनका नाम
ब्राह्मणी, माहेश्वरी, कोमारी, वैष्णवी,
वाराही, एंद्री, चामुण्डा ये सात नाम 18
पुराणों में मिलता है ये देवियां सुंभ,
निसुंभ रक्तबीज राक्षस को मारने के लिए
देवताओं के शरीर से उत्पन्न हुई थी ओर
अंत में दानवों का संहार कर के ये मां
दुर्गा के रूप में विलीन होगयी थी कही
पर ग्राम वासी इनका नाम इस तरह से बताते
है सती माता इनको सब बुढ़िया माई भी
कहते है ये सात बहनों में सबसे बड़ी है
इनको कई लोग बन्दी या बन्नी माता भी
कहते है दूसरी बहन को परमेश्वरी माता
या दुर्गा माता या जगतारण देवी भी कहते
है इसके बाद तीसरी बहन का नाम महा काली
है कई लोग इनको बामती देवी या चामुण्डा
देवी भी कहते हैं चौथी बहन महा लक्ष्मी
या वैष्णवी माता कहते है पांचवी बहन महा
सरस्वती या ब्राह्मणी माई या गायत्री
देवी कहते है छठी बहन सीतला माता कई लोग
इन्हें अंगार मती भी कहते है आखरी यानी
सातवी बहन फूलमती इनको कुमारी माता या
गहिल माता के नाम से जाना जाता है इनके
साथ भैरव बाबा की और हनुमान जी की भी
पुजा होती हैं हर राज्य मे यही सातों
बहने सुपुजित होती हैं बस फर्क इतना है
कि कहीं पर इनका नाम बदला हुआ रहता है
लेकिन मुख्य रूप से यही सप्त मत्रिका ही
रहती हैं जिनका नाम पुराणों में
ब्राह्मणी, माहेश्वरी, कोमारि, वैष्णवी,
वाराही, एंद्री, चामुण्डा बताया गया है
🙏🌺जय सातों बहिनी महारानी 🌺🙏