Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य छोटी सी मुस्कान 67864 0 Hindi :: हिंदी
तू हवा के झोका बन छू बदन चला जाता मैं टक टकी लगाए देखता रहा तू सब उडा ले गया मेरी यादें कुछ वादे कसमे रस्मे तो उलझे सुलझे अजनबी जज्बातेँ फुस फुसाती गुन गुनाती कुछ खाब मीठी मीठी तो कुछ अनकहे एहसासें तू सब ले गया साथ अपने मुझे मेरी सांसे यौवन जवानी इश्क प्रेम लगाव मोहबत कम से कम मेरा अस्तित्व ही छोड़ जाते या छोड़ जाते कोई अपना ही बे परवाह निसानी सावन के महीना रिमझिम रिमझिम बारिस के फुहार या अल्हड सी कहानी या फिर भूले बिछड़े छोटी सी मुस्कान थोड़ा सा ही छोड़ जाते मेरी आँखों में आश कुछ तो छोड़ जाता तू