Ritin Kumar 30 Sep 2023 आलेख अन्य #रितिन_पुंडीर #इतिहास #सत्य_इतिहास #क्षत्रिय 55610 0 Hindi :: हिंदी
"कभी क़ासिम तो कभी गजनी से भिड़ा ठाकुर ! हार तो तय थी...पर लड़ा ठाकुर ! हारना ही था उसे , वो अकेला जो लड़ा था , क्या जन्मभूमि ये तुम्हारी नहीं थी ? फिर क्यों अकेला लड़ा ठाकुर ? बीवी सती हुई ,बच्चे अनाथ !! हिन्दू तो बचा पर , भरी जवानी में मरा ठाकुर ! सदियों से रक्त दे माटी को सींचा , जन , जन्मभूमि और धर्म की वेदी पर मिटा ठाकुर ! जिनके लिए सब कुछ खोया , क्यों उनकी ही नज़रों में बुरा ? फ़िल्मों का ठाकुर ! कहानियों-क़िस्सों का ठाकुर ! कविताओं का ठाकुर ! जब दुबक बैठे थे घरों में सब तमाशबीन , तब पीढियां युद्धभूमि में बलिदान कर रहा था ठाकुर , आज बुद्धिजीवी पानी पी पीकर बरगलाते और कोसते कि आखिर कौन है ये ठाकुर..? कौन बताए उन्हें कि कफ़न केशरिया करके , मूंछों पर तांव देकर मौत को गले लगाने वाला जांबाज ही था ठाकुर ।" -रितिन पुंडीर ✍️