Jitendra Sharma

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Parikshitgarh, Meerut, UP

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Recent Articles


पत्नी से पंगा!
पत्नी से पंगा!

कविता-पत्नी से पंग

व्यंग- भारत जोड़ो यात्रा!
व्यंग- भारत जोड़ो यात्रा!

व्यंग~"भारत जोड़ो

मोदी जी पीछे पड गये।
मोदी जी पीछे पड गये।

हास्य कविता- मोदी ज

राहुल गांधी के नाम पाती!
राहुल गांधी के नाम पाती!

आलेख- राहुल गांधी क

मुहब्बत है गांव में!
मुहब्बत है गांव में!

कविता- मुहब्बत है ग

अनुपम सूक्तियां
अनुपम सूक्तियां

लेख- अनुपम सूक्तिय

आ कहीं ओर चलें।
आ कहीं ओर चलें।

गीत- आ कहीं ओर चलें।

नव वर्ष तेरा अभिनन्द्न!
नव वर्ष तेरा अभिनन्द्न!

कविता- नव वर्ष तेरा

तुम्हारे लिये।
तुम्हारे लिये।

कविता- तुम्हारे लि

हे पतझड़! तेरा अभिनन्दन!
हे पतझड़! तेरा अभिनन्दन!

रचना- जितेन्द्र शर

हमारे ही बीच से कबीर होना चाहिए।
हमारे ही बीच से कबीर होना चाहिए।

किसी के गम में बह जा

यादें संजो रहा हूं।
यादें संजो रहा हूं।

सुनहरे पल जो गुजर ग

लोकतन्त्र बचायेगा कौन?
लोकतन्त्र बचायेगा कौन?

कविता- लोकतन्त्र ब

चलो आज सच बोला जाय!
चलो आज सच बोला जाय!

गीत- चलो आज सच बोला

वह मां थी!
वह मां थी!

कविता- वह मां थी! रच

मैं प्रेम गीत कैसे गाऊं?
मैं प्रेम गीत कैसे गाऊं?

मैं प्रेम गीत कैसे

मैं एक घर अब बनाने चला हूं।
मैं एक घर अब बनाने चला हूं।

बचपन का सपना सजाने

हास्य की रंगोली।
हास्य की रंगोली।

पहला रंग- 18/2/2023 बाबु

सनातन धर्म- परिचय
सनातन धर्म- परिचय

आलेख श्रंखला- "सन

इच्छा मृत्यु
इच्छा मृत्यु

कहानी- इच्छा मृत्य

कल्लो का स्कूल!
कल्लो का स्कूल!

कहानी- कल्लो का स्क

अनोखा बैर
अनोखा बैर

कहानी- "अनोखा बैर&q

प्रतिशौध या प्रायश्चित (खण्ड-दो)
प्रतिशौध या प्रायश्चित (खण्ड-दो)

कहानी- प्रतिशौध या

अटल बिहारी को प्रणाम!
अटल बिहारी को प्रणाम!

उबड़ खाबड़ पथरीली

प्रतिशौध या प्रायश्चित ! (खण्ड-3)
प्रतिशौध या प्रायश्चित ! (खण्ड-3)

प्रायश्चित या प्रत

मै श्वैत धवल शीतल जल हूं।
मै श्वैत धवल शीतल जल हूं।

कविता- मैं श्वेत धव

तैंदुआ
तैंदुआ

कहानी- तैंदुआ लेखक-

विद्योतमा
विद्योतमा

कहानी- विद्योतमा र

हंसी खो गई है।
हंसी खो गई है।

कविता . -हंसी खो गई ह

प्रतिशौध या प्रायश्चित
प्रतिशौध या प्रायश्चित

कहानी- "प्रतिशोध

कर्तव्य पथ पर आधुनिक राम
कर्तव्य पथ पर आधुनिक राम

लेख-कर्तव्य पथ पर आ

महाप्रयाण
महाप्रयाण

कहानी- महाप्रयाण! र

आजाद भुला दिये।
आजाद भुला दिये।

आजादी तो याद है आजा

पुन्नो रानी
पुन्नो रानी

कहानी – पुन्नों र

नारी तू अविचल है!
नारी तू अविचल है!

रचना- "नारी तू अवि